नीले नीले अंबर पर चाँद जब आए



नीले नीले अंबर पर चाँद जब आए 
नीले नीले अंबर पर चाँद जब आए
प्यार बरसाए, हम को तरसाए
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाए
उँचे उँचे परबत जब चूमते हैं अंबर को
प्यासा प्यासा अंबर जब चूमता है सागर को
प्यार से कसने को, बाहों में बसने को
दिल मेरा ललचाए, कोई तो आ जाए
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाए

ठंडे ठंडे झोंके जब बालों को सहलाये
तपती तपती किरनें जब गालों को छू जाए
साँसों की गर्मी को, हाथों की नर्मी को
मेरा मन तरसाए, कोई तो छू जाए
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाए

छम छम करता सावन बूँदो के बान चलाये
सतरंगी बरसातों में जब तनमन भीगा जाए
प्यार में नहाने को, डूब ही जाने को
दिल मेरा तड़पाए, ख्वाब जगा जाए
ऐसा कोई साथी हो, ऐसा कोई प्रेमी हो
प्यास दिल की बुझा जाए



गीतकार : इंदिवर,
 गायक : किशोर कुमार, 
संगीतकार : बप्पी लाहिरी, 
चित्रपट : कलाकार (१९८३)
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