क्या खूब लगती हो बड़ी सुंदर दिखती हो



क्या खूब लगती हो बड़ी सुंदर दिखती हो

क्या खूब लगती हो बड़ी सुंदर दिखती हो
फिर से कहो, कहते रहो, अच्छा लगता है
जीवन का हर सपना अब सच्चा लगता है
तारीफ़ करोगे कब तक, बोलो कब तक
मेरे सीने में साँस रहेगी जब तक
कब तक मैं रहूँगी मन में, हाँ मन में
सूरज होगा जब तक नील गगन में
फिर से कहो...
खुश हो ना मुझे तुम पा कर, मुझे पाकर
प्यासे दिल को आज मिला है सागर
क्या दिल में है और तमन्ना, है तमन्ना
हर जीवन में तुम मेरे ही बनना
फिर से कहो..

Movie : धर्मात्मा (1975)
Music By : कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By : इन्दीवर
Performed By : मुकेश, कंचन



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