तुम आ गए हो, नूर आ गया है
तुम आ गए हो, नूर आ गया है
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी
जीने की तुमसे, वजह मिल गयी है
बड़ी बेवजह जिन्दगी जा रही थी
नहीं तो चरागों से लौ जा रही थी
जीने की तुमसे, वजह मिल गयी है
बड़ी बेवजह जिन्दगी जा रही थी
कहा से चले, कहा के लिए
ये खबर नहीं थी मगर
कोई भी सिरा, जहा जा मिला
वही तुम मिलोगे
के हम तक तुम्हारी दुआं आ रही थी
दिन डूबा नहीं ,रात डूबी नहीं
जाने कैसा है सफ़र
ख़्वाबों के दिए, आँखों में लिए
वही आ रहे थे
जहा से तुम्हारी सदा आ रही थी
ये खबर नहीं थी मगर
कोई भी सिरा, जहा जा मिला
वही तुम मिलोगे
के हम तक तुम्हारी दुआं आ रही थी
दिन डूबा नहीं ,रात डूबी नहीं
जाने कैसा है सफ़र
ख़्वाबों के दिए, आँखों में लिए
वही आ रहे थे
जहा से तुम्हारी सदा आ रही थी
गीतकार : गुलज़ार,
गायक : लता - किशोर,
संगीतकार : राहुलदेव बर्मन,
चित्रपट : आंधी (१९७५)
गायक : लता - किशोर,
संगीतकार : राहुलदेव बर्मन,
चित्रपट : आंधी (१९७५)
Nice Song Tum Aaa gye ho noor aa gya hai..
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