रिमझिम गिरे सावन


 रिमझिम गिरे सावन
रिमझिम गिरे सावन
सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल
पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज...

इस बार सावन दहका हुआ है
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पी के चली क्या पवन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज...

जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज...

महफ़िल में कैसे कह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करें अब क्या जतन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज..

Movie : मंजिल (1979)
Music By : आर.डी.बर्मन
Lyrics By : योगेश
Performed By : लता मंगेशकर, किशोर कुमार



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